जी हां, हजार के जिस नोट के बदले में आप बाजार से बहुत कुछ खरीद सकते हैं उस नोट को छापने में आरबीआई का खर्चा नाममात्र का आता है। आरबीआई का एक हजार का नोट छापने का प्रिंटिग खर्च महज 3.17 रुपए प्रति नोट आता है पिछले साल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 2376 करोड़ रुपए नोटो की छपाई पर खर्च किए थे।
आपको बता दें कि रुपए की वैल्यू के हिसाब से एक हजार के नोट को छापने का खर्च सबसे कम पड़ता है जबकि पांच रुपए के नोट को छापने का खर्च 48 पैसे प्रति नोट बैठता है जो उसकी वैल्यू के हिसाब से कहीं ज्यादा है। भारतीय नोटों का इतिहास 200 सालों से भी पुरना है सन 1800 में प्रेसीडेंसी बैंक ने भारतीय नोटों के संदर्भ में कलर स्कीम अपनायी थी लेकिन 1935 में भारतीय रिजर्व बैंक के गठन के बाद से नोटो का आकार और रंग-रुप सब बदल गया।
आपको बता दें कि रुपए की वैल्यू के हिसाब से एक हजार के नोट को छापने का खर्च सबसे कम पड़ता है जबकि पांच रुपए के नोट को छापने का खर्च 48 पैसे प्रति नोट बैठता है जो उसकी वैल्यू के हिसाब से कहीं ज्यादा है। भारतीय नोटों का इतिहास 200 सालों से भी पुरना है सन 1800 में प्रेसीडेंसी बैंक ने भारतीय नोटों के संदर्भ में कलर स्कीम अपनायी थी लेकिन 1935 में भारतीय रिजर्व बैंक के गठन के बाद से नोटो का आकार और रंग-रुप सब बदल गया।
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