Sunday, July 29, 2012

सायना नेहवाल की लंदन ओलंपिक में जीत से आगाज

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सायना नेहवाल की लंदन ओलंपिक में जीत से आगाजलंदन। भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी सायना नेहवाल ने रविवार को लंदन ओलम्पिक की महिला एकला स्पर्धा में जीत के साथ आगाज किया। सायना ने पहले ग्रुप मुकाबले में स्वीट्जरलैंड की सबरीना जैक्वेट को सीधे गेम में 21-9, 21-4 से हराया। वेम्बले ऐरना में खेला गया यह मैच 24 मिनट चला।

ज्वाला गुट्टा और वी दीजू की मिश्रित युगल जोड़ी को हालांकि अपने दूसरे ग्रुप मुकाबले में भी हार मिली। गुट्टा और दीजू को डेनमार्क के जुहल रायटर और थॉमस लेबोर्न की जोड़ी ने 21-12, 21-16 से हराया। यह मैच 30 मिनट चला।पहले ग्रुप मैच में ज्वाला और दीजू को इंडोनेशिया की तोंनतोवी अहमद और लीलीआना नात्शी के हाथों 16-21, 12-21 से हार मिली थी।

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Wednesday, June 20, 2012

पेस ने दी ओलंपिक से हटने की धमकी

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नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से चला आ रहा टेनिस विवाद बुधवार को और गहरा गया। अब लिएंडर पेस ने कम रैंकिंग वाले खिलाड़ी के साथ जोड़ी बनाने की दशा में लंदन ओलंपिक से हटने की धमकी दे डाली। इसकेबाद अखिल भारतीय टेनिस संघ [एआइटीए] को टीम की घोषणा गुरुवार तक टालनी पड़ी।


पेस ने एआइटीए से कहा कि वह देश के चोटी के खिलाड़ी हैं और एटीपी रैंकिंग में सातवें नंबर पर हैं। वह केवल इसलिए जूनियर खिलाड़ी के साथ जोड़ी बनाने के लिए तैयार नहीं हैं, क्योंकि महेश भूपति और रोहन बोपन्ना उनके साथ जोड़ी नहीं बनाना चाहते। पेस ने एआइटीए को लिखे पत्र में कहा कि यदि महेश और रोहन देश के लिए मेरे साथ खेलने के लिए तैयार नहीं हैं तो फिर एआइटीए अगले जिस भी सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का चयन करेगा मैं उसकेसाथ खेलने के लिए तैयार हूं। उन्होंने कहा, 'यह स्वीकार्य नहीं होगा कि रैंकिंग के हिसाब से सर्वश्रेष्ठ भारतीय टेनिस खिलाड़ी होने के कारण मैं अपने देश के लिए पदक जीतने के लिए सर्वश्रेष्ठ विकल्प के साथ जोड़ी नहीं बनाऊं और दुनिया में 207वें या 306वें नंबर के खिलाड़ी के साथ ओलंपिक में खेलूं, जबकि 13 और 15वीं रैंकिंग के खिलाड़ी इस आधार पर अलग से टीम बना दें क्योंकि वे मेरे साथ नहीं खेलना चाहते हैं।'


पत्र में जिन जूनियर खिलाड़ियों का जिक्र किया गया है वह विष्णु वर्धन और युकी भाबरी हैं। पेस ने कहा कि यदि यही मामला है तो भारतीय टेनिस की खातिर और टीम के चयन में एआइटीए को राहत देने के लिए मेरे पास ओलंपिक से हटने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ [आइटीएफ] को खिलाड़ियों की सूची सौंपने की गुरुवार को अंतिम तिथि है तथा एआइटीए अब भी भूपति और बोपन्ना को पेस के साथ खेलने के लिए मनाने में लगा हुआ है। एआइटीए के अधिकारी लंदन में मौजूद इन तीनों खिलाड़ियों के संपर्क में हैं। प्रयास जारी हैं, लेकिन सूत्रों ने कहा कि भूपति और बोपन्ना ने साथ में जोड़ी बनाने या फिर उनके नाम पर विचार नहीं करने का अपना रवैया नहीं बदला है।


एआइटीए अब भी ऐसे फॉर्मूले पर काम रहा है जिससे न सिर्फ भारत की पदक की उम्मीदें बनी रहें बल्कि खिलाड़ियों के मतभेद भी सुलझाए जा सकें। एआइटीए के पास बहुत अधिक विकल्प नहीं है इसलिए उसका काम ज्यादा मुश्किल हो गया है। भूपति और बोपन्ना चाहते हैं कि एआइटीए पेस के लिए दूसरा जोड़ीदार चुने जिन्हें रैंकिंग में शीर्ष दस में रहने के कारण लंदन खेलों के लिए ड्रा में सीधा प्रवेश मिला है।


विवाद में कृष्णा भी कूदे


विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने टेनिस खिलाड़ियों से आग्रह किया है कि वे देश हित में आपसी मतभेदों को खत्म करे। कृष्णा, एआइटीए के आजीवन मानद अध्यक्ष है और इस नाते उन्होंने भूपति और बोपन्ना से कहा था कि वे देश हित में लिएंडर पेस से अपने विवादों को सुलझा लें।


युकी, वर्धन पेस के साथ खेलने को तैयार


लंदन ओलंपिक के लिए भारतीय टेनिस टीम के चयन में विवाद के बीच युकी भांबरी और विष्णु वर्धन ने कहा कि वे लिएंडर पेस के साथ खेलने को तैयार हैं। युकी ने कहा कि भूपति-पेस की जोड़ी सर्वोत्तम है, लेकिन ओलंपिक के पुरुष युगल स्पद्र्धा में पेस के साथ जोड़ी बनाने की बात होगी तो वह इस चुनौती को स्वीकार करने के लिए तैयार है। भांबरी ने कहा कि अगर चयनकर्ता मुझे अथवा विष्णु को चुनते है तो यह हमारे लिए बेहतरीन अवसर होगा।

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Saturday, February 4, 2012

क्रिकेट खेल है जंग नहीं

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अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर सर डान ब्रैडमैन से बड़ा दूसरा खिलाड़ी न हुआ, वर्ष 2000 से ऑस्ट्रेलिया में उनकी स्मृति में ब्रैडमैन व्याख्यान का आयोजन किया जाता रहा है. इस आयोजन में क्रिकेट व अन्य क्षेत्रों की विभूतियां सर डान ब्रैडमैन व क्रिकेट के विषय पर अपने विचार व्यक्त करती हैं.
इस वर्ष के ब्रैडमैन व्याख्यान में पहली बार किसी विदेशी क्रिकेट खिलाड़ी के रूप में भारत के राहुल द्रविड़ को इस संबोधन का सम्मान दिया गया.14 दिसंबर 2011 को ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा में आयोजित इस व्याख्यान में राहुल द्रविड़ ने क्रिकेट के अलावा विश्व इतिहास, समाज, संस्कृति व मानव शास्त्र में अपनी बारीक समझ का प्रमाण भी दिया. राष्ट्रीय युद्ध स्मारक प्रांगण जैसे आयोजन स्थल की गरिमा के अनुरूप युद्ध की गंभीरता को समझने वाले राहुल द्रविड़ ने किसी क्रिकेट मैच के वर्णन के लिए युद्ध, जंग या महासंग्राम जैसे वजनी शब्दों के उपयोग को निर्थक बताया.
इतिहास के अच्छे जानकार की तरह द्रविड़ ने भारत-ऑस्ट्रेलिया के सैन्य सहयोग का भी उल्लेख किया, जो 20 वीं सदी के दोनों विश्व युद्धों के दौरान भारत व ऑस्ट्रेलिया ने बनाये थे. द्रविड़ ने स्वाधीनता पूर्व भारत में ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध सर डान ब्रैडमैन के क्रिकेटीय करिश्मे से भारतीयों के भावनात्मक जुड़ाव का जिक्र किया और यह भी कहा कि उस समय सारे भारतीय सर डान ब्रैडमैन को एक प्रकार से अपना प्रतिनिधि ही समझते थे. भारतीय क्रिकेट के एक बेहतरीन ब्रांड अंबेसडर राहुल द्रविड़ ने पिछले 25 सालों में भारत में क्रिकेट प्रतिभा के व्यापक फ़ैलाव और छोटे-छोटे कस्बो-शहरों से नये खिलाड़ियों के टीम में आने के अनेक उदाहरण दिये. द्रविड़ ने भारत के क्रिकेट खिलाड़ियों के सिर चढ़े व अति धनाढ्य होने को भी अतिशयोक्ति बताया.
द्रविड़ ने सबसे ज्यादा तारीफ़ भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों को दी, द्रविड़ के अनुसार भारत के क्रिकेट प्रशंसक अपनी टीम व क्रिकेट खेल को बेहद प्यार देते हैं. हर भारतीय क्रिकेटर अपने कैरियर के दौरान यह समझ जाता है कि भले ही क्षणिक आवेश में कुछ लोग अप्रिय स्थिति पैदा कर दें, किंतु अधिकतर भारतीय प्रशंसकों की भावनाएं टीम के साथ जुड़ी हुई हैं. भारतीय क्रिकेटर के लिए यह खेल रोजगार का साधन मात्र नहीं है बल्कि यह अपने जीवन का सदुपयोग करने का अवसर है, ऐसा अवसर कितने लोगों को मिल ही पाता है ? राहुल द्रविड़ ने भारतीय खिलाड़ियों के मानवीय पक्ष को जिस रूप में जिया है ठीक उसी रूप में उसे प्रस्तुत भी किया. अखिल विश्व में अपने पंगु नेतृत्व व भ्रष्ट संचालन के लिए बदनाम बीसीसीआइ को भी कूटनीतिज्ञ द्रविड़ ने सराहा और भारत में क्रिकेट के प्रसार में इस बोर्ड के प्रयासों का जिक्र किया.इस संबोधन के दौरान राहुल द्रविड़ ने किसी बेहद कुशल रणनीतिकार की भांति ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सुरक्षित भविष्य के लिए एक नयी कार्यनीति का प्रतिपादन भी किया.
राहुल द्रविड़ ने क्रिकेट अधिकारियों व खिलाड़ियों को क्रिकेट प्रशंसकों के प्रति अपनी जवाबदेही की ओर सजग होने को कहा और हर अंतरराष्ट्रीय दौरे में जबरन ठूंसे हए अनेक एक दिवसीय व 20- ट्वेंटी मैचों की संख्या घटाने को कहा. टेस्ट मैच को क्रिकेट की सर्वोच्च प्रतिस्पर्धा बतानेवाले द्रविड़ ने खुले तौर पर कहा कि गैर जरूरी एक दिवसीय या 20- ट्वेंटी मैचों के चलते ही मैदान में दर्शकों की संख्या बेहद कम हो गयी है. टेस्ट में और दर्शकों को लाने के लिए द्रविड़ ने रात-दिन के टेस्ट खेलने की भी वकालत की. राहुल ने क्रिकेट की स्थिति बनाये रखने के लिए टेस्ट पर सबसे ज्यादा ध्यान देने को कहा,एक दिवसीय मैचों को वर्ल्ड कप या चैंपियन ट्राफ़ी जैसी प्रतियोगिताओं के लिए उपयुक्त बताया जबकि 20-ट्वेंटी को राष्ट्रीय स्तर पर सीमित रखने को कहा. राहुल के अनुसार क्रिकेट के तीनों प्रारूप साथ-साथ रह सकते है किन्तु जैसे अभी चल रहे है वैसे नहीं.
राहुल द्रविड़ के भाषण का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा खेल में बेईमानी और मैच फ़िक्‍सिंग को रोकने के बारे में था. द्रविड़ ने खिलाड़ियों से और कड़े परीक्षणों व नियमों को स्वीकार करने को कहा. राहुल द्रविड़ ने इस खेल की शुचिता के लिए क्रिकेट खिलाड़ियों से कुछ असुविधाओं व अपनी निजी जानकारी प्रदान करने को तैयार रहे को भी कहा. द्रविड़ ने क्रिकेट की आय बढ़ाने के के नये तरीकों की आवश्यकता स्वीकार की किन्तु साथ ही क्रिकेट की गौरवशाली परंपरा को बनाये रखने की अपील भी की. राहुल द्रविड़ का व्याख्यान ठीक उनकी बल्लेबाजी की तरह शास्त्रीय शैली में दिया गया स्पष्ट भाषण था. ऑस्ट्रेलिया के स्थानीय समाचार माध्यमों में राहुल द्रविड़ के इस संबोधन को ब्रेडमैन व्याख्यान में अब तक दिये गये सभी भाषणों में से सर्वश्रेष्ठ माना गया है. क्रिकेट मैदान के ‘श्रीमान भरोसेमंद’ द्रविड़ ने अपने संबोधन से यह साबित किया कि इस ‘भारतीय दीवार’ की बौद्धिक योग्यता और सैद्धांतिक मान्यताओं की नींव कितनी गहरी और कितनी मजबूत है.


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Sunday, January 1, 2012

1000 के नोट की यह सच्चाई जानकर आप हैरान रह जाएंगे

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जी हां, हजार के जिस नोट के बदले में आप बाजार से बहुत कुछ खरीद सकते हैं उस नोट को छापने में आरबीआई का खर्चा नाममात्र का आता है। आरबीआई का एक हजार का नोट छापने का प्रिंटिग खर्च महज 3.17 रुपए प्रति नोट आता है पिछले साल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 2376 करोड़ रुपए नोटो की छपाई पर खर्च किए थे।

आपको बता दें कि रुपए की वैल्यू के हिसाब से एक हजार के नोट को छापने का खर्च सबसे कम पड़ता है जबकि पांच रुपए के नोट को छापने का खर्च 48 पैसे प्रति नोट बैठता है जो उसकी वैल्यू के हिसाब से कहीं ज्यादा है। भारतीय नोटों का इतिहास 200 सालों से भी पुरना है सन 1800 में प्रेसीडेंसी बैंक ने भारतीय नोटों के संदर्भ में कलर स्कीम अपनायी थी लेकिन 1935 में भारतीय रिजर्व बैंक के गठन के बाद से नोटो का आकार और रंग-रुप सब बदल गया।


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दुनिया में एक तिहाई तलाक फेसबुक के कारण

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लंदन.पूरी दुनिया में होने तलाकों में से एक तिहाई सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के कारण हो रहे हैं। एक क़ानूनी फर्म 'डाइवोर्स ऑनलाइन' के मुताबिक फेसबुक को तलाक के मामलों में सबूत के तौर पर पेश करने की संख्या में इजाफा हुआ है।

फर्म के मुताबिक 'व्यवहार सम्बन्धी' तलाक आवेदनों में फेसबुक शब्द के इस्तेमाल में पिछले 2 सालों में 50 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है।

पिछले एक साल के दौरान फर्म में दाखिल तालाक के 5000 आवेदनों में से करीब 33 फीसदी ने फेसबुक वेबसाइट का नाम जिक्र किया।

'डाइवोर्स ऑनलाइन' के प्रबंधक मार्क कीनन ने बताया "कई लोगों के लिए फेसबुक अपने दोस्तों के साथ संवाद का मुख्य जरिया बन गया है। लोग अनजाने में अपने पूर्व साथियों को मेसेज भेजते हैं लेकिन यही बाद में मुसीबत का कारण बन जाता है। अगर कोई किसी के साथ प्रेम सम्बन्ध या फ्लर्ट करना चाहता है तो यह सबसे आसन जगह है।"

फेसबुक से होने वाली समस्याओं में सबसे आम कारण, पति या पत्नी द्वारा फ्लर्टी मेसेज का पाया जाना,साथी के पार्टी की तस्वीरें जिसके बारे में वे नहीं जानते या ऐसे किसी के साथ पाया जाना जिसके साथ उन्हें नहीं होना चाहिए।

डॉसन कॉर्नवेल में कानूनी सलाह देने वाले अन्ने मारी हचिंसन कहते है "अगर आप अपने साथी से चीजें छुपाते हैं तो फेसबुक इसे खोजने में आसन बना देता है।"

कीनन ने बताया कि वे अपने मुवक्किलों को तलाक की कार्रवाई के दौरान फेसबुक से दूर रहने की सलाह देते हैं।

उन्होंने कहा "लोगों को फेसबुक पर कुछ भी डालने के दौरान सावधान रहना चाहिए क्योंकि अदालतों में आजकल लोगों के फेसबुक वाल्स और पोस्टिंग को वित्तीय और बच्चों से सम्बंधित विवादों में बतौर सबूत पेश किया जा रहा है।

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Thursday, November 24, 2011

मुंबई टेस्टः तीसरे दिन का खेल खत्म, सचिन का अर्धशतक

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भारत-वेस्टइंडीज के बीच हो रहे तीसरे टेस्ट के तीसरे दिन वेस्टइंडीज की पहली पारी में 590 रनों के विशाल स्कोर के जवाब में मेजबान भारत ने तीसरे दनि का खेल खत्म होने तक पहली पारी में 3 विकेट के नुकसान पर 281 रन बना लिए थे।


क्रीज पर सचिन 67 और लक्ष्मण 32 रन बनाकर मौजूद थे। द्रविड़ 82 रन बनाकर आउट हुए। सहवाग 37 रन बनाकर सैमी की गेंद पर बोल्ड हुए जबकि गंभीर 55 रन बनाकर रामपॉल की गेंद पर आउट हुए। हालांकि गंभीर अंपायर के गलत फैसले के शिकार हुए। जिस गेंद पर गंभीर कैच आउट हुए वो गेंद उनके बल्ले पर लगी ही नहीं थी।


पारी का 21वां रन लेते ही द्रविड़ टेस्ट क्रिकेट में 13 हजार रन बनाने वाले दूसरे बल्लेबाज हो गए। द्रविड़ के आगे केवल सचिन तेंदुलकर हैं। तेंदुलकर के टेस्ट क्रिकेट में 15 हजार से ज्यादा रन है।


वेस्टइंडीज की पहली पारी 590 रन बनाकर ऑलआउट
इससे पहले वेस्टइंडीज ने डरेन ब्रावो (166) की शानदार पारी की बदौलत पहली पारी में 590 रन बनाए। दूसरे दिन के नाबाद बल्लेबाज फिडेल एडवडर्स और देवेंद्र बीशु तीसरे दिन बल्लेबाजी करने मैदान पर उतरे लेकिन अश्विन ने जल्द ही बीशु को बोल्ड कर दिया। बीशु ने 12 रन बनाए जबकि एडवडर्स 11 रन बनाकर नाबाद रहे।


भारत की ओर से रविचंद्रन अश्विन ने पहली पारी में पांच विकेट झटके। वरुण एरॉन को तीन सफलता मिली। प्रज्ञान ओझा और इशांत शर्मा को एक-एक सफलता मिली है। मेहमान टीम ने अंतिम सत्र में पांच विकेट गंवाए।


ब्रावो के नेतृत्व में कैरेबियाई बल्लेबाजों ने पहले और दूसरे दिन सपाट पिच पर बल्लेबाजी का शानदार नमूना पेश किया। ब्रावो ने 284 गेंदों की अपनी पारी में 17 चौके लगाए। उनके अलावा सलामी बल्लेबाज एड्रियन बाराथ ने 62, क्रेग ब्राथवेट ने 68, किर्क एकवडर्स ने 86, केरेन पॉवेल ने 81 और मार्लन सैमुएल्स ने 61 रनों का योगदान दिया।


लारा-ब्रावो में अनूठी समानता


जूनियर ब्रायन लारा कहे जाने वाले ब्रावो अपने 13वें टेस्ट में 166 रन पर आउट हो गए। लारा भी अपने 13वें टेस्ट में 167 रन पर आउट हुए थे। इससे पहले 12 टेस्ट मैचों तक दोनों बल्लेबाजों का बल्लेबाजी आंकड़ा यानि रन और औसत और शतक एकदम बराबर थे।
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यूं ही नहीं मिला ‘दीवार’ और ‘मिस्टर भरोसेमंद’ का तमगा

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‘दीवार’ और ‘मिस्टर भरोसेमंद’ जैसे कई विशेषणों से नवाजे जा चुके भारतीय क्रिकेट टीम के धुरंधर बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने टेस्ट मैचों में 13,000 रनों का आंकड़ा पार कर लिया है। इस मुकाम पर पहुंचने वाले वह भारत के ही नहीं बल्कि दुनिया के दूसरे बल्लेबाज हैं।


यही नहीं, इस सत्र में 1000 रनों का आंकड़ा पार करने वाले द्रविड़ एकमात्र बल्लेबाज हैं। द्रविड़ ने इस सत्र में इंग्लैंड के इयान बेल के बराबर पांच शतक लगाए हैं, जो 38 वर्ष की उम्र में उनके बल्ले की चमक दिखाने के लिए काफी हैं। ये आंकड़े यह साबित करने के लिए काफी है कि आखिर क्यों इस महान बल्लेबाज को क्रिकेट के जानकार अनेक विशेषणों से नवाजते हैं।


द्रविड़ ने वेस्टइंडीज के साथ वानखेड़े स्टेडियम में जारी तीसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन 21 रनों का व्यक्तिगत योग पार करते ही 13,000 रन पूरे किए। वह अब तक कुल 13061 रन बना चुके हैं। द्रविड़ पहली पारी में 82 रन बनाकर आउट हुए। वर्ष 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में अपने टेस्ट करियर का आगाज करने वाले द्रविड़ ने अब तक 160 मैचों की 277 पारियों में 32 बार नाबाद रहते हुए 53.31 के औसत से रन बटोरे हैं। उनके नाम 36 शतक और 63 अर्धशतक दर्ज हैं।


भारतीय टीम के कप्तान रह चुके द्रविड़ से अधिक रन सिर्फ भारत के सचिन तेंदुलकर ने बनाया है। सचिन के नाम 15086 रन दर्ज हैं। सचिन ने द्रविड़ की तुलना में छह वर्ष पहले अपना करियर शुरू किया था लेकिन रनों के मामले में द्रविड़ विश्व के महानतम बल्लेबाज माने जाने वाले सचिन के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते दिख रहे हैं।


शतकों की दौड़ में द्रविड़ बेशक सचिन से पीछे हैं लेकिन भारत की ओर से दूसरा सबसे अधिक शतक लगाने वाला बल्लेबाज होना इस बात की पुष्टि करता है कि द्रविड़ मैदान में सचिन से किसी मामले में कम नहीं। द्रविड़ ने टेस्ट मैचों में अब तक कुल 36 शतक लगाए हैं जबकि सचिन के नाम 51 शतक हैं।


जहां तक अर्धशतकों की बात है तो द्रविड़ और सचिन कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं। द्रविड़ और सचिन अब तक टेस्ट मैचों में 63-63 अर्धशतक लगा चुके हैं। यह एक नया रिकार्ड है। आस्टे्रलिया के पूर्व कप्तान एलन बार्डर भी 63 अर्धशतक लगा चुके हैं।


द्रविड़ और सचिन सहित कुल आठ बल्लेबाज अब तक टेस्ट मैचों में 10 हजार या उससे अधिक रन बना चुके हैं। इनमें तीन बल्लेबाज भारत के हैं। भारत के तीसरे बल्लेबाज सुनील गावस्कर हैं, जिनके नाम 10122 रन दर्ज हैं।


आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग (12557) इस सूची में तीसरे स्थान पर हैं जबकि दक्षिण अफ्रीका के जैक्स कैलिस ने अब तक 12005 रन बनाए हैं। वह तालिका में चौथे क्रम पर हैं। कैलिस के बाद वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान ब्रायन लारा का नाम आता है, जिनके नाम 11953 रन हैं जबकि बार्डर ने 11174 रन बनाए हैं। इसके बाद स्टीव वॉ का नाम है, जिनके खाते में 10927 रन हैं।

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